बिहार के सरकारी स्कूल में ऑनलाइन हाजिरी:-नमस्ते दोस्तों! मैं हूँ प्रकाश, gurugyanstudypoint.com से। बिहार के सरकारी स्कूलों में अगस्त 2025 से बच्चों और शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी चेहरे की पहचान (Facial Recognition) से शुरू होने जा रही है। यह नई तकनीक फर्जी हाजिरी, मिड-डे मील घोटाले, और प्रॉक्सी अटेंडेंस पर रोक लगाएगी। बिहार शिक्षा विभाग के इस कदम से स्कूलों में पारदर्शिता और अनुशासन बढ़ेगा। इस आर्टिकल में हम आपको बिहार के सरकारी स्कूलों में चेहरे की पहचान से हाजिरी की पूरी प्रक्रिया, तारीख, फायदे, और जिम्मेदारियों के बारे में आसान भाषा में बताएंगे। तो अंत तक बने रहिए और अपनी परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ इस नई तकनीक को भी समझिए।
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Table of Contents
बिहार के सरकारी स्कूल में ऑनलाइन हाजिरी: तारीख और प्रक्रिया
बिंदु | जानकारी |
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शुरुआत की तारीख | 1 अगस्त 2025 (संभावित) |
प्रक्रिया | e-Shikshakosh मोबाइल ऐप/वेब पोर्टल से सेल्फी अपलोड |
उपस्थिति का समय | सुबह 7:30 से 8:30 बजे |
GPS आधारित प्रणाली | हाँ, स्कूल परिसर में 500 मीटर के दायरे में |
प्रूफ | फोटो, GPS लोकेशन, और चेहरे की पहचान |
ऑफलाइन विकल्प | उपलब्ध (नेटवर्क न होने पर मैनुअल रजिस्टर) |
टैबलेट वितरण | प्रत्येक स्कूल को 2 टैबलेट (1 हेडमास्टर, 1 सहायक शिक्षक के लिए) |
- टैबलेट वितरण: बिहार के 75,000 सरकारी स्कूलों में अगस्त 2025 से पहले 2-2 टैबलेट दिए जाएंगे। 332 स्कूलों में टैबलेट प्रखंड संसाधन केंद्रों पर पहुंच चुके हैं और 2 दिन में सभी स्कूलों में वितरित होंगे।
- प्रक्रिया: प्रार्थना के समय बच्चों और शिक्षकों की फोटो टैबलेट से अपलोड होगी।
- e-Shikshakosh ऐप: यह ऐप शिक्षकों को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करता है, और अब इसमें हाजिरी के लिए चेहरे की पहचान फीचर जोड़ा गया है।
प्रकाश की बात: यह आपके स्कूल का नया golden era शुरू करेगा! अब फर्जी हाजिरी नहीं चलेगी, और स्कूलों में पढ़ाई का माहौल और बेहतर होगा।
चेहरे की पहचान से हाजिरी कैसे बनेगी?
- ऑटोमैटिक सिस्टम: प्रार्थना (सुबह 7:30-8:30) और अंतिम घंटी में बच्चों और शिक्षकों की फोटो e-Shikshakosh ऐप के जरिए ऑटोमैटिक खींची जाएगी।
- मिलान: पहली और अंतिम घंटी की फोटो का AI-आधारित चेहरे की पहचान से मिलान होगा, ताकि पता चले कि कितने बच्चे पूरे समय स्कूल में रहे।
- बायोमैट्रिक सपोर्ट: टैबलेट में फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान दोनों का ऑप्शन होगा।
- प्राइवेसी: बच्चों की फोटो स्टोर नहीं होगी। चेहरे की विशेषताएँ (आँखें, नाक आदि) का डेटा एन्क्रिप्टेड ID में बदला जाएगा, जो सुरक्षित है।
प्रकाश की सलाह: इस तकनीक से न सिर्फ हाजिरी सटीक होगी, बल्कि आपका अनुशासन और समय की पाबंदी भी बढ़ेगी। रोज सुबह समय पर स्कूल पहुंचें!
किन जिलों में शुरू हुई योजना?
- पायलट प्रोजेक्ट: यह योजना सबसे पहले मुजफ्फरपुर, मुरौल, और बंदरा के स्कूलों में शुरू हुई थी।
- विस्तार: अगस्त 2025 से बिहार के सभी 75,000 सरकारी स्कूलों में लागू होगी।
- अतिरिक्त फीचर: डीपीओ सुजीत कुमार के अनुसार, यह सिस्टम न सिर्फ हाजिरी लेगा, बल्कि पढ़ाई की तस्वीरें और पढ़ाए गए टॉपिक्स भी रिकॉर्ड करेगा, जिससे शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ेगी।
प्रकाश की सलाह: अगर आप इन जिलों से हैं, तो अपने शिक्षकों से इस सिस्टम के बारे में पूछें और इसका इस्तेमाल सीखें।
फायदे और जिम्मेदारी
फायदे:
- फर्जी हाजिरी पर रोक: अब कोई भी प्रॉक्सी अटेंडेंस या फर्जी रिकॉर्ड नहीं बना सकेगा।
- पारदर्शी प्रणाली: सटीक हाजिरी से मिड-डे मील और स्कॉलरशिप योजनाओं में पारदर्शिता आएगी।
- छात्र अनुशासन: बच्चों में नियमित स्कूल आने की आदत बनेगी।
- स्कूल प्रशासन की जवाबदेही: शिक्षकों और स्कूलों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
- DBT लाभ: 75% हाजिरी वाले छात्रों को स्कॉलरशिप (कक्षा 1-3: ₹400, कक्षा 4-5: ₹500, कक्षा 6-8: ₹1200, कक्षा 9-12: ₹2500), मुफ्त किताबें, और साइकिल जैसी सुविधाएँ मिलेंगी।
जिम्मेदारी:
- शिक्षकों की जिम्मेदारी: सहायक शिक्षक सुबह और अंतिम घंटी में फोटो अपलोड करेंगे।
- अभिभावकों की जिम्मेदारी: बच्चों को समय पर स्कूल भेजें, ताकि वे स्कॉलरशिप और अन्य लाभ ले सकें।
- छात्रों की जिम्मेदारी: रोज सुबह समय पर स्कूल पहुंचें और प्रार्थना में शामिल हों।
प्रकाश की टिप: शिक्षकों और अभिभावकों को एक साथ मिलकर इस सिस्टम को सफल बनाना होगा। अगर इंटरनेट की समस्या हो, तो ऑफलाइन रजिस्टर का इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
बिहार सरकार का यह चेहरे की पहचान से हाजिरी का कदम शिक्षा में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में एक शानदार पहल है। 1 अगस्त 2025 से शुरू होने वाली यह प्रणाली फर्जीवाड़े को खत्म करेगी और स्कूलों को shine करने में मदद करेगी। आने वाले समय में यह सभी जिलों में लागू होगी। गुरु ज्ञान स्टडी पॉइंट की ओर से आपको best wishes! अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और इस नई तकनीक को अपनाएं।
Disclaimer: यह जानकारी सामान्य शोध और आधिकारिक स्रोतों (biharboardonline.bihar.gov.in, npci.org.in) पर आधारित है। नवीनतम अपडेट के लिए बिहार शिक्षा विभाग की वेबसाइट चेक करें। हमारा वेबसाइट त्रुटियों के लिए जिम्मेदार नहीं है। धन्यवाद!
क्विक लिंक्स
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